हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने क़ुरआन का अनुवाद पढ़ने से संबंधित पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है। जो लोग शरई अहकाम मे दिल चस्पी रखते है हम उनके लिए पूछे गए प्रश्न और उसके उत्तर के पाठ का उल्लेख कर रहे है।
प्रश्न: क्या क़ुरआन का अनुवाद पढ़ना वांछनीय (मतलूब) और पुरस्कृत (सवाब रखता) है?
उत्तर: यद्यपि क़ुरआन के अनुवाद को पढ़ना और उसमे ग़ौर एंवम फ़िक्र करना बहुत अच्छा है, लेकिन क़ुरआन के अरबी पाठ को पढ़ने में मखसूस सवाब और आसार हैं जो अकेले अनुवाद को पढ़कर प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं।